India News (इंडिया न्यूज़), Bihar: बिहार में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण पर मतदान के मुद्दे को लेकर माहोल थोड़ा गरम होता जा रहा है। 7 मई के इंतज़ार में कई लोग बैठे है जब मतदान होना है। इसी दौरान राजग का ध्यान अपने पूर्व रिकॉर्ड की बचाव करने में है। जनता दल यूनाइटेड पर तीन सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। इस 18वीं लोकसभा चुनाव के थर्ड फेस में पांच सीटों में से राजग के तीन उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे। जदयू तीन सीट वहीं भाजपा और लोजपा एक-एक सीट के साथ चुनाव में है। पर राजग के उम्मीदवारों के समक्ष चुनाव के जीतने के साथ साथ मत प्रतिशत के रिकॉर्ड को बचा के रखने की भी जिम्मेदारी और चुनौती है। रिकॉर्ड का कायम रहने महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। आपको जानकारी के लिए बता दे की 2019 के चुनाव में राजग प्रत्याशी अररिया, सुपौल, झंझारपुर, मधेपुरा और खगड़िया संसदीय सीट से जीत हासिल की थी। पर इस बार रिकॉर्ड को उसी तरह से रखने में काफी चुनौती दिख रही है। इसका असर दूसरे चरण के ही मतदान में देखने को मिल गया था। पुरी जानकारी के बाद यह बात सामने आई है की पिछले मतदान के मुकाबले इस बार के दूसरे चरण तक के मत में 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करने वाले उम्मीदवारों की सूची में बढ़ौतरी हुई है, 2019 का चुनाव इसका उदाहरण है। 2014 में इसी सूची में उम्मीदवारों की संख्या कम थी।
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2014 में दोनो पार्टियां अलग अलग चुनाव में उतरे थे, जिसमे भाजपा 50 प्रतिशत से ज़्यादा वोट हासिल कर लोजपा के तरफ से एक सीट की प्राप्ति की थी वहीं दूसरी तरफ़ जदयू एक भी सीट अपने हक में नहीं ले सकी थी जब 2019 में दोनो परती साथ आई तो दोनो को ही लाभ हुआ।
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