India News Bihar ( इंडिया न्यूज) Health Tips: बढ़ती उम्र के साथ लोगों के दिमाग की कार्य क्षमता युवाओं के मुकाबले कम होने लगती है। बुज़ुर्ग लोगों में भूलने की बीमारी, किसी भी काम में एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं आम हैं। आमतौर पर ऐसा दिमाग के ठीक से काम न करने की वजह से होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुढ़ापे में भी दिमाग जवान रह सकता है। हाल ही में इस पर एक शोध किया गया है। शोध में बताया गया है कि नींद और दिमाग की कार्यप्रणाली के बीच गहरा संबंध है। नींद से बूढ़े होते दिमाग की गति को कम किया जा सकता है। इससे सोचने-समझने की क्षमता को भी लंबे समय तक बरकरार रखा जा सकता है।
शोध के मुताबिक, दिन में हल्की नींद या झपकी लेने से दिमाग की उम्र बढ़ने की गति को कम किया जा सकता है। इससे आप लंबे समय तक सोचने-समझने की क्षमता को बरकरार रख सकते हैं। इस शोध में 40 से 60 साल की उम्र के लोगों पर सर्वे किया गया। सर्वे से पता चला है कि दिन में थोड़ी देर सोने से दिमाग की कार्यप्रणाली बेहतर होती है। हालांकि, शोध पूरी तरह से यह साबित नहीं कर पाया है कि झपकी या नींद मानसिक संतुलन बनाए रखने में कितनी मददगार है। लेकिन पहले के शोध परीक्षणों के अनुसार, तीस मिनट या उससे कम समय तक सोने से अच्छे परिणाम मिले थे।
इससे पहले भी एक शोध में लोगों के मानसिक संतुलन का परीक्षण किया गया था, जिसमें सोने के बाद परीक्षण करने वालों का मानसिक संतुलन ऐसा न करने वालों की तुलना में बेहतर था। शोध दल ने पाया कि जो लोग सोए और जो नहीं सोए उनके मस्तिष्क के कार्य में कुछ अंतर था। यूसीएल में वरिष्ठ शोधकर्ता और लाइफ लॉन्ग हेल्थ एंड एजिंग यूनिट की निदेशक विक्टोरिया गारफील्ड का कहना है कि अगर लोग दिन में थोड़ी देर सोना शुरू कर दें, तो वे बढ़ती उम्र में भी अपना मानसिक संतुलन बनाए रख सकते हैं।
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