India News (इंडिया न्यूज़), Bihar: बिहार के शिक्षा वभाग की तरफ से अधिकारीयों को नई ड्यूटी दी गई है जिसमे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए अब हफ्ते में एक दिन सामुदायिक सेवा के तहत विभिन्न सामाजिक कार्यों में भाग लेना अनिवार्य होगा। इस नए ड्यूटी का पालन हर हाल में करना अनिवार्य है। जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया की, “शिक्षकों को हर सप्ताह बुधवार को अपराह्न 4 से 5 बजे तक परिवादों को सुनने हेतु समय निर्धारित किया गया है। सभी अधिकारीयों को अपने स्थानीय क्षेत्र में स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण, साक्षरता अभियान और स्वास्थ्य जागरूकता जैसे कार्यों में हिस्सा लेना होगा। इसका उद्देश्य शिक्षकों को समाज के साथ जोड़कर उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ समुदाय को पहुंचाना है।”
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अधिकारी कार्य अवधि के दिन सप्ताह में एक दिन जनता दरबार लगाएंगे। इस नई व्यवस्था को लेकर शिक्षकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ शिक्षक इसे सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि कुछ इसे उनके शैक्षिक कार्यों में बाधा मान रहे हैं। पर विभाग के इस ड्यूटी को नियमित रूप से मानना पड़ेगा। आपको बता दे की इस नए कदम पर सरकार का कहना है कि इस पहल से न केवल सामाजिक विकास में तेजी आएगी, बल्कि छात्रों के लिए भी शिक्षकों का एक अनुशासित और प्रेरणादायक उदाहरण साबित होगा। शिक्षा विभाग के द्वारा दी गई शिक्षकों को यह नई जिम्मेदारी 1 जुलाई से लागू होगी।
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