India News (इंडिया न्यूज़), Paytm Crisis: रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इस बीच पेटीएम पेमेंट बैंक के चेयरमैन विजय शेखर शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड की सदस्यता भी छोड़ दी है।
विजय शेखर शर्मा के इस्तीफे के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक के बोर्ड का भी पुनर्गठन कर दिया गया है। जिसमें कई नए चेहरों को शामिल किया गया है। अब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन श्रीनिवासन श्रीधर बोर्ड के सदस्य होंगे। इसके अलावा सेवानिवृत्त आईएएस देबेंद्रनाथ सारंगी, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार गर्ग और सेवानिवृत्त आईएएस रजनी सेखरी सिब्बल बोर्ड के सदस्य होंगे।
रिजर्व बैंक के नए निर्देश के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। विजय शेखर शर्मा इस बैंक के सबसे बड़े शेयरधारक हैं। इसके अलावा आरबीआई ने पेटीएम को यूपीआई सेवा भी बंद करने का निर्देश दिया है।
पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड अब कार्रवाई करने के लिए एनपीसीआई के संपर्क में है। यह स्थिति उन ग्राहकों और व्यापारियों के लिए अच्छी खबर है जिनके पास यूपीआई है। RBI ने उन्हें UPI सेवा को बंद करने का भी निर्देश नहीं दिया है, जो Paytm पेमेंट बैंक की सहायक कंपनी है।
आरबीआई ने अभी भी पेटीएम को यूपीआई सेवा संचालित करने की सलाह दी है, लेकिन उन्हें यह कार्रवाई एनपीसीआई से प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही करनी होगी। रिजर्व बैंक की यह निर्देशिका पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों और व्यापारियों को बिना किसी असुविधा के यूपीआई सेवा का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करेगी।
बता दें, यूपीआई लेनदेन पेटीएम पेमेंट्स बैंक के माध्यम से होता है, इसलिए पेटीएम को वर्तमान में टीपीएपी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। दूसरी ओर, Amazon Pay, Google Pay, Mobikwik, PhonePe और WhatsApp सहित 22 संस्थाओं के पास वर्तमान में TPAP लाइसेंस हैं।
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