India News Bihar (इंडिया न्यूज),IAS Sanjeev Hans Rape Case: पटना हाईकोर्ट ने आईएएस अधिकारी संजीव कुमार हंस द्वारा रूपसपुर थाने में दर्ज केस को रद्द करने के लिए दायर याचिका को स्वीकार करते हुए बड़ी राहत दी है। जस्टिस संदीप कुमार ने संजीव कुमार हंस की याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद 21 जून 2024 को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज उन्होंने यह फैसला सुनाया।
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कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी संजीव कुमार हंस को प्रधान सचिव के पद से हटा दिया है, उनके खिलाफ रूपसपुर थाने में दुष्कर्म और भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला दर्ज था। इस केस को रद्द करवाने के लिए उन्होंने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने अब अपने फैसले में दायर याचिका को स्वीकार करते हुए बड़ी राहत दी है।
संदीप हंस के खिलाफ पिछले दिनों ईडी ने भी कार्रवाई की थी, जिसके बाद उन्हें ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया गया था। वे बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के चेयरमैन भी थे। उन्हें इस विभाग के सभी पदों से मुक्त कर दिया गया है। हालांकि संजीव फिलहाल सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान दे रहे हैं।
दरअसल, 1997 के बिहार कैडर के इस आईएएस अधिकारी पर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया है। संजीव के साथ ही इसी महिला ने उनके दोस्त पूर्व आरजेडी विधायक गुलाब यादव पर भी बलात्कार का आरोप लगाया है। साथ ही, आय से अधिक संपत्ति मामले में भी उन पर केस दर्ज है, जिसके लिए ईडी ने उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की है।
आपको बता दें कि बलात्कार का यह मामला साल 2016 का है। आरोप के मुताबिक, संजीव हंस के दोस्त और पूर्व विधायक गुलाब यादव ने पीड़िता को महिला आयोग का सदस्य बनाने का लालच दिया था। महिला द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि 2017 में गुलाब यादव ने संजीव हंस के साथ मिलकर एक होटल में उसके साथ बलात्कार किया। हालांकि, अभी भी जांच जारी है।
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