India News Bihar (इंडिया न्यूज़), Ranchi Mall GM: झारखंड की राजधानी रांची में सावन के महीने में कांवड़ियों के साथ हुए बदसलूकी का मामला तूल पकड़ गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु बिना जूते-चप्पल पहने ही यात्रा करते हैं, लेकिन रांची के मॉल ऑफ रांची में उन्हें केवल इस वजह से प्रवेश नहीं दिया गया कि उन्होंने जूते-चप्पल नहीं पहने थे। इस घटना के बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।
बीजेपी ने इस घटना को शर्मनाक और दुखद बताते हुए मॉल प्रबंधन की आलोचना की है। पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मॉल में कांवड़ियों को उनकी वेशभूषा और जूते-चप्पल के कारण प्रवेश से रोका जाना सनातन धर्म और शिव भक्तों का अपमान है। बीजेपी ने रांची पुलिस से मांग की है कि मॉल के प्रबंधन के खिलाफ कड़ी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस नेता कुमार राजा ने भी इस घटना को दुखद बताया और कहा कि मॉल के मालिक ने इस पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने गरीब गार्ड पर कार्रवाई को अनुचित बताते हुए उसे दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात की। मॉल ऑफ रांची के जीएम एस. सान्याल बनर्जी ने भी माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मॉल के प्रबंधन का उद्देश्य कांवड़ियों का अपमान नहीं था, बल्कि उनकी सुरक्षा को लेकर यह कदम उठाया गया था। उनका कहना था कि नंगे पांव चलने से फर्श पर फिसलने का खतरा हो सकता था और इसीलिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया।
मॉल का उद्घाटन पिछले साल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने किया था और यह प्रसिद्ध फिल्म निर्माता प्रकाश झा का है। मॉल के मैनेजर नीतीश अग्रवाल ने कहा कि कांवड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें मॉल में प्रवेश नहीं दिया गया। इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक संवेदनाओं और सुरक्षा प्रबंधन के बीच संतुलन को लेकर बहस को जन्म दिया है।