India News Bihar (इंडिया न्यूज), Doctors Strike: कोलकाता रेप केस को लेकर डॉक्टरों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। बिहार की राजधानी पटना में इस मामले को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल अब तक जारी है। जिसके कारण राजधानी के चार प्रमुख अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं कई दिनों से बंद पड़ी हैं।
कोलकाता में जूनियर डॉक्टर की हत्या के विरोध में एनएमसीएच, पीएमसीएच, एम्स पटना और आइजीआइएमएस के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल जारी है। सोमवार, 19 अगस्त को इस हड़ताल का आठवां दिन था और सभी प्रमुख अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण, मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी सेवाओं के ठप रहने से, विशेषकर सर्जरी, किडनी, कैंसर, हृदय और अन्य जटिल बीमारियों के मरीज परेशान हो रहे हैं। सोमवार को एम्स पटना, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच और एनएमसीएच में किसी भी मरीज का इलाज नहीं हुआ और पूर्व में निर्धारित सर्जरी भी रद्द कर दी गई।
चारों अस्पतालों में सोमवार को भारी भीड़ थी। पीएमसीएच में करीब 2000, आइजीआइएमएस में 3500, एम्स पटना में 4000 और एनएमसीएच में 2500 से अधिक मरीज इलाज के लिए आए थे, लेकिन ओपीडी बंद होने से उन्हें निराशा हाथ लगी। कई मरीज तो स्ट्रेचर पर लेकर अस्पताल में घूमते रहे, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि वे रेजिडेंट डॉक्टरों से ओपीडी को जल्द से जल्द शुरू कराने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी और इस दिन भी न तो ओपीडी सेवा चलेगी और न ही पूर्व से निर्धारित ऑपरेशंस होंगे। जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि प्रशासन सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का लिखित आश्वासन दे, जिसके बिना वे हड़ताल को समाप्त नहीं करेंगे। इस स्थिति ने शहर में स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीर संकट में डाल दिया है और मरीजों को इलाज के बिना ही परेशान होना पड़ रहा है।