India News Bihar (इंडिया न्यूज़), Automatic Challan: अक्सर रोड एक्सीडेंट के कई मामले सामने आते है, जिससे लोगो के साथ कई दुर्घटनाएं होती है, साथ ही बीमा, प्रदूषण और फिटनेस फेल वाहनों को पकड़ने के लिए नए तकनीक की शुरुवात की गई है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने हाल ही में बताया कि बिहार में सड़कों पर हो रही दुर्घटनाओं में अधिकांश मौतें राष्ट्रीय राजमार्गों पर हो रही हैं।
इन हादसों पर नियंत्रण पाने के लिए आवश्यक है कि सभी वाहन चालकों द्वारा फिटनेस, परमिट, बीमा, और मोटर वाहन कर का पूरे तरीके से पालन किया जाए। इसके लिए राज्य में ई-डिटेक्शन सिस्टम को लागू किया गया है, जिससे टोल प्लाजा पर ऑटोमैटिक ई-चालान जारी किए जा रहे हैं।
परिवहन विभाग के अनुसार, इस प्रणाली के लागू होने के बाद मात्र दो दिनों में ही लगभग पांच हजार वाहनों का ई-चालान काटा गया है। इनमें राज्य के बाहर के वाहन भी शामिल हैं। वर्तमान में बिहार के सभी 32 टोल प्लाजा ई-डिटेक्शन सिस्टम से जुड़ चुके हैं, और प्रत्येक टोल प्लाजा पर एक ही दिन में एक बार ही चालान काटा जाएगा। चालान की सूचना संबंधित वाहन मालिक के मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी।
संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वाहन के फिटनेस, परमिट, बीमा, और अन्य आवश्यक कागजातों का पालन सुनिश्चित करना होगा। ई-डिटेक्शन सिस्टम से जुर्माना वसूली में सहायता मिलेगी और बिना अनुमति वाले वाहनों की पहचान करना आसान हो जाएगा।
इस प्रणाली के तहत, जब कोई वाहन एनएच के टोल प्लाजा से गुजरेगा, तो फास्टैग के संपर्क में आते ही वाहन का पूरा डेटा ई-डिटेक्शन सॉफ्टवेयर में दर्ज हो जाएगा। इसके बाद, इस डेटा की जांच एनआईसी के वाहन पोर्टल से की जाएगी। यदि वाहन के निबंधन, फिटनेस, बीमा या प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र में कोई कमी पाई जाती है, तो ई-चालान जारी कर दिया जाएगा। इस कदम से सड़क सुरक्षा में सुधार की उम्मीद की जा रही है और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।