India News (इंडिया न्यूज़), Bihar : बिहार की राजधानी पटना में साइबर क्राइम के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया था जिसमें सरकार ने राजधानी में साइबर थाना खोलने का फैसला किया था और जिले में साइबर थाने खोले भी गए। यह फैसला इस बात को ध्यान रखते हुए किया गया था कि साइबर क्राइम के बढ़ोतरी को किस तरह से रोका जाए पिछले 11 महीने में साइबर क्राइम में 70% बढ़ोतरी हुई है। साथ ही बदमाशों की हिम्मत भी मजबूत होती जा रही है। आए दिन ऑनलाइन फ्रॉड बढ़ते जा रहे हैं इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए विभाग में क्राइम थाना खोलने का फैसला किया था। पर अफसोस क्राइम थाने में दर्ज तो होता है पर उसे पर आगे की कार्रवाई पूरी नहीं हो पाती। इस बढ़ते साइबर क्राइम पर रोक न लगने का कारण एक यह भी है कि विभाग में आई ओ की कमी है जिस वजह से सही तरीके से कार्यवाही नहीं हो सकी है और साइबर क्राइम का स्तर बढ़ता चला जा रहा है। जानकारी के मुताबिक एक यो पर कम से कम 70 से लेकर 80 केस का दबाव रहता है। इस दबाव के चक्कर में काम पूरा नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो एक दिन में 10 से 12 केस दर्ज होते हैं। हैरान करने की बात किया है कि इतने कैसे के दर्ज होने के बाद भी क्राइम थाना की पुलिस टीम इस पर कार्रवाई नहीं पाई है। लगभग 70% कैसे तो सीधे आईटी एक्सपर्ट के दायरे में जाता है। यह भी एक बहुत बड़ा कारण है की कार्रवाई की गति बहुत धीमी चल रही है पुलिस की टीम दर्ज कराए हुए हैं जुर्म को भी वक्त के अंदर रहते हैं सॉल्व नहीं कर पा रही है।
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सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि अभी तक क्राइम थाना की पुलिस टीम ने कोई भी ऐसे बड़े साइबर क्राइम को ब्रेक नहीं किया है जबकि हम जानते हैं कि आए दिन इतने सारे ऑनलाइन फ्रॉड हो रहे हैं पर फिर भी कोई भी बड़ा जुर्म सामने नहीं आया है। जानकारी के मुताबिक यह भी बात सामने आई है कि एक कारण जो हम बताया जा रहा है कि विभाग में काम करने वाले लोग इतने ज्यादा कंप्यूटर फ्रेंडली नहीं है टेक्नोलॉजी का ज्ञान अभी भी उन्हें पूरी तरीके से नहीं है जिस वजह से उन्हें वक्त लग जाता है किसी भी साइबर क्राइम को हल करने में।
By- Anjali Singh
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