India News (इंडिया न्यूज़), Bihar: बिहार में चुनाव के दौरान कुछ ना कुछ कांड का होना ऐतिहासिक रहा है। हाल ही में हुए पटना यूनिवर्सिटी के छात्र हर्षराज की निर्मम हत्या के बाद इलाके के कोने कोने में इस केस पर लोग अलग-अलग टिप्पणियां दे रहे है। हनुमान लगाया जा रहा है की इस मामले के बाद काम से कम 3 सीटों पर चीज़ें बदली नजर आ सकती है और आने वाले कुछ दिनों तक हर्षराज के छात्र नेता की जाती गोलबंद हो सकती है जिसमे मृतक छात्र की जाति भी साथ में आने की संभावना है। सभी को पता है 1 जून से बिहार में अंतिम चरण के चुनाव की शुरुआत होनी है। चुनाव के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन अपने-अपने प्रत्याशी और उम्मीदवारों पर पूरा ध्यान दे रहे हैं और खुलकर प्रचार कर रहे है। दोनों पार्टी अपनी उम्मीदवारों के लिए हर संभव कोशिश कर रही है जिससे उन्हें अधिक से अधिक वोट करने के लिए जनता आगे बढ़े। दोनों पार्टियों ने अन्य जातियों से भी वोट के अपील की है। पटना यूनिवर्सिटी में हुए छात्र की हत्या के बाद मामला थोड़ा गर्माया हुआ है जिसे लेकर चुनाव पर असर देखा जा सकता है। जिन लोगों ने छात्रा के निर्माण हत्या किया है उन्हें जातियां राजनीतिक का काफी ज्ञान है। चुनावी पार्टियों अभी हर कदम काफी ध्यान पूर्वक ले रही है क्योंकि इस मामले में किसी भी हरकत के पीछे बड़ा मुद्दा खड़ा किया जा सकता है।
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जानकारी के मुताबिक हर्षराज सियासी मुद्दों पर काफी रुचि दिखाते थे। हर्ष राज बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के काफी ग़रीबी बताई जा रहे हैं इतना ही नहीं चौधरी की बेटी हर्ष राज को अपना भाई मानती थी। हर्ष राज अपने विश्वविद्यालय में भी चुनाव की तैयारी कर रहे थे। विश्वविद्यालय में किसी भी तरह के चुनाव की तैयारी में हर्षराज सबसे आगे रहते थे। चुनावी मामले में लोगों के बीच हर्षराज का नाम अक्सर रोशन रहता था। क्योंकि अब हर्षराज की इतनी निर्मम हत्या कर दी गई है इसके बाद पूरी संभावना है कि इस मामले को शांत होने में काफी वक्त लगेगा और काफी सारे और सियासी रास्ते हंगामे के नाम पर खोले जाएंगे।
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