India News (इंडिया न्यूज़), Bihar Health Department: बिहार के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम (एफआरएएस) लगाया है।
पहले, कई कर्मचारी बायोमेट्रिक सिस्टम के काम न करने का बहाना बनाकर या अन्य तरीकों से ड्यूटी से गायब हो जाते थे। अब, इन नए प्रयासों से कर्मचारी किसी भी प्रकार से अनुपस्थित नहीं रह सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों में फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम लागू कर दिया है, जिससे अस्पताल कर्मियों की हाजिरी को सख्ती से मॉनिटर किया जा सके। सोमवार से इस सिस्टम का ट्रायल शुरू किया जा रहा है।
इस नए सिस्टम के तहत, सदर से लेकर रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक सभी कर्मियों की उपस्थिति फेस रिकग्निशन के माध्यम से दर्ज की जाएगी। जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ ने बताया कि ट्रायल के दौरान जो कर्मचारी छूट जाएंगे, उन्हें भी दो दिनों के भीतर सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा।
यह सिस्टम आधार लिंक्ड बायोमेट्रिक उपस्थिति से अलग है, जिसमें चेहरा दिखाए बिना उपस्थिति दर्ज नहीं होगी। इसके साथ ही, कोई भी कर्मचारी दूसरे की हाजिरी नहीं बना सकता है। इस नए सिस्टम से स्वास्थ्य विभाग अब सख्ती बरतेगा और समय पर न आने वाले कर्मियों पर कार्रवाई करेगा। पहले पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस मॉडल को सफलतापूर्वक लागू किया गया है और अब इसे राज्य के अन्य अस्पतालों में भी विस्तारित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की यह पहल न केवल कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेगी, बल्कि मरीजों को भी बेहतर सेवाएं प्राप्त करने में मदद करेगी। कर्मचारियों की उपस्थिति की सख्ती से मॉनिटरिंग करने से अस्पतालों की कार्यक्षमता और सेवाओं में सुधार की उम्मीद है। अब, किसी भी प्रकार का बहाना नहीं चलेगा और सभी कर्मियों को समय पर ड्यूटी पर आना होगा।