India News Bihar( इंडिया न्यूज ), Bihar Politics: 23 जुलाई 2024 को केंद्रीय बजट पेश होने जा रहा है और इससे पहले बिहार में विशेष राज्य के दर्जे को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एनडीए गठबंधन में शामिल नेता ही अलग-अलग तरह के बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रही है, जबकि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस मांग को निरर्थक बताया है। मांझी ने कहा कि विशेष दर्जे की मांग करना पत्थर पर सिर पटकने जैसा है।
बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी इस मुद्दे पर बीते रविवार (14 जुलाई) को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “पहले समझना होगा कि विशेष पैकेज की परिभाषा क्या है। मांझी जी ने जो कहा है, उसमें यह साफ है कि भारत सरकार ने बिहार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जेडीयू हमारा अभिन्न साथी है, जैसे दक्षिण में टीडीपी है। विशेष राज्य से बड़ा सवाल यह है कि विशेष पैसा क्या मिलता है।”
रूडी ने यह भी कहा, “चाहे इसे पैसा कहें या दर्जा, लेकिन सब कुछ भारत सरकार की निवेश नीति पर निर्भर करता है। हमें यह देखना है कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे में क्या मिलेगा? विशेष पैकेज में तो बहुत कुछ आएगा और बिहार तो वैसे भी विशेष है, तो विशेष दर्जा की बात कहां से की जा रही है? अगर विशेष पैकेज की बात की जाए, तो मैं समझता हूं कि बिहार को बड़ा लाभ होगा।”
इस प्रकार, जहां एक ओर जेडीयू और अन्य सहयोगी दल विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीजेपी के नेता इसे अलग नजरिए से देख रहे हैं। बिहार के विकास के लिए विशेष पैकेज को ही अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है, ताकि राज्य को अधिक वित्तीय सहायता मिल सके और विकास की गति तेज हो सके।