India News Bihar (इंडिया न्यूज), ED Raid: बिहार में पल टूटने की लहर चल रही है साथ ही अब यह खतरा सड़कों तक पहुँच चूका है। पुल हो या रोड, जब निर्माण में कमी हो तभी ऐसे हादसे होते है। ऐसा ही हादसा पिछले साल भागलपुर में हुआ जब वहां की 1700 करोड़ की लागत वाला निर्माणाधीन पुल गिर गया। इतना ही नहीं यह पुल लगातार दो बार गिर चुका है, एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी को बिहार में 9 हजार करोड़ का अलग-अलग ठेका मिला था।
बिहार में एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी शुरू कर दी है, जिसके बाद हड़कंप मच गया है। पटना और दिल्ली में छापेमारी के चलते कई सवाल उठने लगे हैं। इस कंपनी ने बिहार में आठ पुलों का निर्माण किया है और 1700 करोड़ रुपये की लागत वाला भागलपुर का अगवानी घाट पुल पिछले साल गिर चुका था, जो अब तक दो बार ढह चुका है। सिंगला कंपनी को बिहार में कुल 9,000 करोड़ रुपये के ठेके मिले थे।
बिहार में पुलों के गिरने की घटनाओं की श्रृंखला ने सरकार और निर्माण कंपनियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस साल 18 जून से शुरू होकर एक पखवाड़े में करीब 10 पुल गिर चुके हैं। विशेषकर 3 जुलाई को एक ही दिन में पांच पुल गिरने की घटना ने स्थिति को और चिंताजनक बना दिया। कुल मिलाकर, 18 दिनों के अंदर 12 पुलों के गिरने की खबरें आई हैं, और अगर छोटे पुलों को भी शामिल किया जाए तो यह संख्या और बढ़ जाती है।
भारत में पुलों के गिरने की घटनाओं का रिकॉर्ड लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ है। ये घटनाएं विभिन्न कारणों से होती हैं, जिनमें निम्न-गुणवत्ता की निर्माण सामग्री, अवैज्ञानिक डिजाइन, और निर्माण में लापरवाही प्रमुख हैं। अक्सर, निर्माण कंपनियों द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी और भ्रष्टाचार भी पुलों के गिरने की घटनाओं को जन्म देते हैं।
इन घटनाओं से न केवल सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा होता है, बल्कि सरकार और निर्माण कंपनियों की छवि भी प्रभावित होती है। इसलिए, इन मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।