India News Bihar (इंडिया न्यूज): लंबे समय से शिक्षा विभाग और राज्य विश्वविद्यालय के मध्य चीज़ें ऊपर नीचे चल रही थी पर हाईकोर्ट का फैसला विभाग को आ गया है। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने ऑर्डर भेजते हुए राज्य विश्वविद्यालय के खातों से जुड़ी लेनदेन और साथ ही कुलपतियों की पगार पर रोक लगाए गए आदेश को विलंबित करने का आदेश दिया है साथ ही कहा है की विश्वविद्यालयों और वहां काम कर रहे अधिकारियों के विरुद्ध दंडनीय कार्यवाही ना की जाए। न्यायमूर्ति अंजनि कुमार शरण के पीछे सरकार विश्वविद्यालयों के कई याचिकाओं पर कारवाही कर सुनवाई की तैयारी कर रही थी जिस दौरान शिक्षा विभाग के किसी एक बैठक में शामिल नहीं होने पर संस्थानों के खातों पर लेनदेन को लेकर रोक लगवाई है यही नहीं साथ ही अधिकारियों के पगार रोकने के सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई है।
अदालत के आदेशानुसार सभी विवादित आदेशों के अंतर्गत अधिकारी और विश्वविद्यालयों की पगार पर रोक लगाया गया है और खातों को फ्रिज कर दिए गए है जिन्हे आगे की सुनवाई होने तक विलंबित रखने का आदेश है।
यह बात बिहार में अब नई नहीं रह गई है की किसी बात को लेकर राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच कोई तकरार न हुई हो। केके पथक जो शिक्षा विभाग के सचिव है खाएं पर रोक लगा दी थी। इस बात को लेकर काफी वाद विवाद दोनो विभागों के बीच हुई। केके पाठक ने बताया की उन्होंने कई दफा विश्वविद्यालय के वीसी को बैठक में आने का निर्देश दिया था पर कई तारीख़ के बीत जाने के बावजूद कोई भी वीसी बैठक में शामिल नहीं हुए। इस मुद्दे पर भी विभागों के मध्य कई बहस छेड़ी गई है। आखरी में हाईकोर्ट ने चल रहे विवादों पर फ़ैसला सुनाया है।
By- Anjali Singh
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