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Karakat Lok Sabha seat: बिहार की इस सीट पर जातीय समीकरण साधने में जुटे दल, दो बार से जीतती आई है JDU

• LAST UPDATED : March 10, 2024

India News Bihar (इंडिया न्यूज़), Karakat Lok Sabha seat: बिहार की काराकाट लोकसभा सीट पर आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। इधर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुटी हुई हैं। यहां पिछला चुनाव जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार ने जीता था। जेडीयू के महाबली सिंह को 45।9% वोट मिले। वहीं, दिग्गज नेता उपेन्द्र कुशवाहा भी यहां से चुनाव मैदान में थे। उपेन्द्र कुशवाह ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्हें 36।1% वोट मिले।

साल 2019 में महाबली सिंह ने जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए 398408 वोट हासिल किए थे। जबकि उपेन्द्र कुशवाहा को 313866 वोट मिले थे। सीपीआईएम के राजा राम सिंह 24,932 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। बसपा ने भी यहां से अपना उम्मीदवार उतारा था। बसपा प्रत्याशी राज नारायण तिवारी को 21715 वोट मिले।

जानिए चुनाव का इतिहास


2008 में परिसीमन हुआ और काराकाट लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। 2014 के चुनाव में उपेन्द्र कुशवाहा ने यहां से जीत हासिल की थी। 2014 के चुनाव में उपेन्द्र कुशवाहा को 3,38,892 वोट मिले थे। कांति सिंह 2,33,651 वोटों के साथ दूसरे और जेडीयू के महाबली सिंह 76,709 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। अब तक तीन लोकसभा चुनावों में महाबली सिंह दो बार इस सीट से जीत चुके हैं।

जातीय समीकरण

काराकाट लोकसभा क्षेत्र में यादव जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। यहां 3 लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं। साथ ही कुशवाह और कुर्मी जाति के वोटर करीब 2।5 लाख हैं। यहां करीब डेढ़ लाख मुस्लिम मतदाता हैं, जो हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। साथ ही राजपूत वोटर करीब 2 लाख हैं। वैश्य मतदाता भी करीब 2 लाख हैं। यहां 75 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं। इसके अलावा भूमिहार समुदाय के करीब 50 हजार मतदाता हैं। महाबली और उपेन्द्र दोनों ही कुशवाहा जाति से हैं। हर चुनाव में उन्हें न सिर्फ कुर्मी और कुशवाह वोटरों का समर्थन मिला है, बल्कि ऊंची जाति और ओबीसी समुदाय के वोटरों ने भी उनके पक्ष में वोट किया है। इस सीट की खास बात यह है कि बीजेपी ने कभी भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है, इस सीट पर उसके गठबंधन सहयोगियों के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ते रहे हैं।

पहचान क्या है?

काराकाट के पास इंद्रपुरी बराज और पायलट बाबा का मंदिर है। यहां मांझर कुंड और धुंआ कुंड पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। इसके अलावा तुतला भवानी मंदिर भी पास में है। पर्यटक हसन शाह सूरी का मकबरा, करमचट बांध और शेरगढ़ किला भी देखने जाते हैं। यहां की मुख्य बोलियां हिंदी और भोजपुरी हैं। यहां के किसान धान, गेहूं और दलहन की फसलें उगाते हैं।

कैसे पहुँचें? काराकाट

काराकाट पहुंचने के लिए बस और ट्रेन सबसे सुविधाजनक साधन हैं। सासाराम, डेहरी-ऑन-सोन और बिक्रमगंज रेलवे स्टेशन हैं। यहां पहले ट्रेन से आएं और फिर बस से काराकाट आ सकते हैं। काराकाट लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें नोखा, डेहरी, काराकाट, गोह, ओबरा और नबीनगर शामिल हैं। इनमें से पांच पर जदयू प्रत्याशी और एक पर रालोसपा प्रत्याशी ने कब्जा जमाया है।

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