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मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले पशुपति पारस का राजनीतिक सफर जानिए

• LAST UPDATED : March 19, 2024

India News Bihar (इंडिया न्यूज़),Pashupati Paras : बिहार में NDA के सीट बंटवारे से नाराज पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। पशुपति पारस ने मंगलवार (19 मार्च) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया. आपको बता दें, पशुपति पारस केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थे।उन्होंने बड़ी ईमानदारी और निष्ठा से एनडीए की सेवा की। मेरे और पार्टी के साथ अन्याय हुआ, इसलिए आज मैं केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देता हूं।’

मालूम हो कि पशुपति कुमार वर्तमान में हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान के छोटे भाई पारस मूल रूप से बिहार के खगड़िया जिले के रहने वाले हैं। 12 जुलाई 1952 को जन्मे पारस ने स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है। वे अलौली से 5 बार विधायक रहे हैं।

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पहली बार 1977 में में बने विधायक

वह 1977 में विधानसभा चुनाव में पहली बार निर्वाचित हुए। उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। इसके बाद लोकदल और जनता पार्टी से विधायक चुने जाते रहे. जब राम विलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी बनाई तो वे उसके विधायक चुने गए। 2019 में एलजेपी के टिकट पर सांसद चुने जाने से पहले वह पांच बार विधायक रह चुके हैं। नीतीश कुमार की सरकार में वे पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री पद पर रहे. इससे पहले वह लालू सरकार में दो बार मंत्री भी रहे थे। तीन भाइयों में सबसे छोटे पशुपति कुमार पारस अपने बड़े भाई के साथ राजनीति की बारीकियां सीखते रहे।

अचानक सुर्खियों में आए पारस

पारस राजनीति में अचानक तब सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने एलजेपी को उखाड़ फेंका। उन्होंने पार्टी के पांच सांसदों के साथ बगावत कर दी। चिराग पासवान को नेता मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्हें एलजेपी का अध्यक्ष चुना गया।

अब तक का पारस का राजनीतिक सफर

  • 1977 में पहली बार अलौली विधानसभा सीट से विधायक चुने गये
  • 1980 में इस सीट से चुनाव हार गए, लेकिन उसके बाद 1985, 1990, 1995, 2000, फरवरी और नवंबर
  • 2005 में लगातार पांच चुनाव जीते।
  • 2010 और 2015 का विधानसभा चुनाव हार गए
  • इसके बाद राज्यपाल कोटे से एमएलसी मनोनीत किये गये

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