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Lalu Prasad Yadav: भूत ले जा रहे थे श्मशान, जानें लालू यादव की कैसे बची जान

• LAST UPDATED : February 7, 2024

India News (इंडिया न्यूज़) Lalu Prasad Yadav: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के विधानसभा में उलट पलट के बाद कई मामलों का खुलासा हुआ है। इसमें से एक मामला जमीन के बदले नौकरी का भी है। इस मामले में ईडी की जांच की वजह से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर सुर्ख़ियों में बने हुए है। भले ही एनडीए का हिस्सा बनकर नीतीश कुमार भाजपा संग बिहार में 9वी बार मुख्यमंत्री बन गए हो।

लेकिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अभी भी दाव आजमा रहे है। लालू यादव जीतनराम मांझी को सीएम पद का ऑफर देकर बिहार में फिर से खेला करना चाहते है। कुछ दिनों पहले नीतीश के झटके के बाद जब राजद संकट में आई, तब भी लालू प्रसाद यादव ने ही मोर्चा संभाल रहा था। अब आप समज सकते है की लालू यादव की बिहार में कितनी पकड़ है।

लालू यादव ने खुद अपनी आत्म कथा में..

यही वजह है की बिहार की राजनीति से लालू यादव को अलग नहीं अर्ह सकते है। वैसे तो लालू के कई कारनामों की कहानी फेमोस है, लेकिन लालू ने एक और कहानि का जिक्र किया है। जो इस समय सुर्ख़ियों में है। बता दे, इस कहानी की चर्चा लालू यादव ने खुद अपनी आत्म कथा में की है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बचपन में भूत का सामना किया है। इसका जिक्र उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘गोपालगंज से रायसीना: मेरी राजनीतिक यात्रा’ में किया है। जब उनको दो भूत शमसान की ओर लेकर जा रहे थे उस समय गांव के बरम बाबा ने उनकी जान बचाई थी।

लालू यादव अपनी आत्मकथा में लिखते..

‘एक बार मेरा भी भूतों से सामना हुआ था। बरम बाबा का ठिकाना मेरे घर के पीछे पीपल के पेड़ के नीचे था। एक बार पूर्णिमा की चांदनी रात में बरम बाबा स्थान पर सहभोज हुआ और उसके बाद सोरठी-बिरजाभार गायन का कार्यक्रम हुआ। लालू यादव ने बताया की कार्यक्रम के दौरान वह गेहू के पुवाल पर बैठे हुए थे। कुछ देर बाद उनको नीद लग गई और कार्यक्रम ख़तम होने के बाद सब अपने घर चले गए। जब कुछ देर बात उनकी नींद खुली तो सामने दो लड़के खड़े थे। दोनों लड़कों ने उनको साथ जाने के लिए कहा वो नींद में थे तो साथ में चले गए। आगे उन्होंने लिखा कि दोनों लड़के उनको शमशान घाट की ओर लेकर जा रहे थे। बीच रिश्ते में उनको लघुशंका लगी तो वो खेत में उत्तर गए। उस दौरान भी दोनों लड़के उसने पास खड़े थे।

मै तो सो रहा था… तपेसर बाबा

लालू यादव ने आगे बताया कि मै लघुशंका कर ही रहा था उस दौरान पास से खैनी मलते हुए गांव के तपेसर बाबा ने पूछा कौन है रे। जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मै लालू हूँ। जब तपेसर बाबा ने कहा उठो और घर जाओ। जैसे ही उन्होंने यह कहा दोनों लड़के वहा से भाग गए। अगले दिन जब मै सो कर उठा तो उन दोनों लड़कों से मिला दोनों ने बताया वो वहा नहीं थे। फिर मैँ तपेसर बाबा के घर गया उसने पूछा उन्होंने कहा मै तो रात में सो रहा था।

‘गोपालगंज से रायसीना’ में लिखा

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने अपनी किताब में आगे बताया कि वह दोनों लड़के और तपेसर बाबा की बात सुनकर वह चकरा गए। उसके बाद लालू यादव ने इस घटना जिक्र अपने माँ से किसी तब माँ ने बताया की बेटा जो दो लड़के तुमसे मिलने आये थे वो तुम्हारे दुश्मन थे और जो तपेसर बाबा थे वो बरम बाबा थे। उन्होंने तुम्हारी जान बचाई है। उसके बाद मै जब भी गांव जाता हूँ तो बरम बाबा का दर्शन जरूर करता हूँ और उनके सामने बैठता हूँ। पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की आत्म कथा ‘गोपालगंज से रायसीना’ में लिखा गया है। उनकी पूरी जीवनी नलिम वर्मा ने इस किताब में लिखी है।

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