India News Bihar (इंडिया न्यूज), Lateral Entry Scheme: विपक्ष यूपीएससी लेटरल भर्ती पर सरकार की योजना का पुरजोर विरोध कर रही है, और अब इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल के सहयोगी केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी एतराज जताया है।
चिराग पासवान ने साफ कहा है कि यूपीएससी द्वारा लेटरल एंट्री के तहत की जा रही नियुक्तियां सही नहीं हैं और उनकी पार्टी इस बात से असहमत है। उनका कहना है कि सरकारी क्षेत्र में सभी नियुक्तियों में आरक्षण के प्रावधानों का पालन होना चाहिए, और अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो यह चिंता की बात है।
चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी इस प्रकार की नियुक्तियों के खिलाफ है और उन्होंने इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाने का आश्वासन दिया है। उनके अनुसार, सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण का प्रावधान जरूरी है, और बिना इसके लागू किए गए लेटरल एंट्री की प्रक्रिया उचित नहीं है। उनका कहना है कि निजी क्षेत्र में आरक्षण के प्रावधान लागू नहीं होते, लेकिन सरकारी क्षेत्र में ऐसा होना अनिवार्य है।
यूपीएससी ने हाल ही में निदेशक, संयुक्त सचिव और उप सचिव के 45 पदों पर लेटरल एंट्री के तहत भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस प्रक्रिया के तहत, अब तक उम्मीदवारों को यूपीएससी की परीक्षा पास करनी होती थी, लेकिन नई भर्ती प्रक्रिया में चयन सिर्फ इंटरव्यू के आधार पर होगा। इस तरह की भर्ती प्रक्रिया को लेकर विपक्ष का तर्क है कि यह कोटा प्रणाली को कमजोर करता है।
पिछले पांच वर्षों में लेटरल एंट्री के तहत 63 नियुक्तियां हुई हैं, जिनमें से 57 अधिकारी फिलहाल तैनात हैं। वर्तमान में 10 संयुक्त सचिव पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। चिराग पासवान ने इस प्रक्रिया को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वे इसे सरकार के सामने रखेंगे।