India News (इंडिया न्यूज़), Bihar: बिहार की बात करे और राजगीर में स्थित नालंदा पर चर्चा न हो, यह मुमकिन नहीं है। नालंदा बिहार का सदियों पुराना गर्व है जिसके स्थापना होने से लेकर आज की तारीख में भी एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसकी स्थापना 5वीं शताब्दी में गुप्त वंश के शासकों द्वारा की गई थी। यह विश्वविद्यालय प्राचीन काल में पूरे जगत के सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्रों में से एक था, जहाँ न केवल भारत से, बल्कि चीन, जापान, कोरिया, तिब्बत, मंगोलिया, श्रीलंका और तुर्की जैसे देशों से भी बच्चे दाखिला के लिए आते थे। आपको बता दे यहाँ पर भिन्न-भिन्न विषयों जैसे खगोल विज्ञान, गणित, चिकित्सा, दर्शन, साहित्य और धर्मशास्त्र की शिक्षा भरपूर ज्ञान के साथ दी जाती थी।
नए परिसर का निर्माण
हाल ही में, नालंदा विश्वविद्यालय ने अपने नए परिसर की नींव रखी है, जो एक आधुनिक शिक्षा के सभी विचारों को पूरा करता है। नालंदा के इस नए परिसर का निर्माण 455 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। अन्य विशेषताओं के तौर पर परिसर को पर्यावरण-संवेदनशील डिज़ाइन और उच्चतम स्तर की तकनीक से लैस किया गया है। जानकारी के मुताबि नए परिसर में छात्रों के लिए आधुनिक लाइब्रेरी, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ, और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई है। नए परिसर का मुख्य उद्देश्य प्राचीन नालंदा की विरासत को एक आधुनिक ज्ञान का प्रतीक साबित करना है और इसे एक ऐसा शिक्षा स्थान बनाना है जहाँ शिक्षा केंद्र के रूप में अनुशासन और प्रतिष्ठा की स्थापना हो।