India News Bihar (इंडिया न्यूज), NEET UG Paper Leak Case: नीट-यूजी पेपर लीक केस में बड़ा खुलासा हुआ है, जिससे यह जानकारी मिली है कि प्रदेश के करीब 35 छात्रों से लाखों में सॉल्वड प्रश्नपत्र की डीलिंग हुई थी। सूत्रों के अनुसार, नीट-यूजी पेपर के लिए बिहार के छात्रों से 35 से 45 लाख और बाहर के कुछ छात्रों से 55 से 60 लाख रुपये तक की वसूली की गई थी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आरोपितों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली है, लेकिन सीबीआई ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से परहेज किया है।
सीबीआई की जांच में अब तक 150 से अधिक छात्रों को पेपर मिलने की जानकारी मिली है। इन छात्रों के परीक्षा केंद्र गुजरात के गोधरा, लातूर, झारखंड के हजारीबाग और बिहार के पटना जैसे शहरों में थे। सूत्रों के अनुसार, केवल पटना में ही 35 छात्रों को उत्तर के साथ प्रश्नपत्र देकर रटवाया गया था। सर्वोच्च न्यायालय में जांच एजेंसी द्वारा दायर रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख किया गया है।
लीक हुआ प्रश्नपत्र प्राप्त करने वाले करीब 150 छात्रों में से लगभग आधे अभ्यर्थियों को अच्छे अंक नहीं मिले। कुछ अभ्यर्थी तो न्यूनतम अंक प्राप्त करने के बाद भी सफल नहीं हो सके। पटना में सेटिंग करने वाले जल संसाधन विभाग के तत्कालीन अभियंता सिकंदर प्रसाद यादवेंदु के एक रिश्तेदार संजीव के पुत्र अनुराग यादव को केवल 350 के आसपास ही अंक मिले थे। अनुराग के साथ परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थी आयुष, अभिषेक कुमार, और शिवनंदन भी कम अंक प्राप्त करने वाले छात्र थे।
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को करीब डेढ़ दर्जन छात्रों के नाम भेजे गए थे। एनटीए की प्रारंभिक जांच करने वाली एजेंसी ईओयू ने इनसे पूछताछ भी की है। इस खुलासे से स्पष्ट है कि नीट-यूजी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में भी भ्रष्टाचार और धांधली का खेल खेला गया, जिससे न केवल परीक्षा की निष्पक्षता प्रभावित हुई, बल्कि छात्रों के भविष्य पर भी गंभीर असर पड़ा। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और परीक्षा प्रणाली में सुधार लाया जाए।