India News Bihar(इंडिया न्यूज़),Bihar Shikshak Niyamawali: पटना हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि नियोजित शिक्षक दक्षता परीक्षा में फेल होने पर भी नहीं हटाये जायेंगे। यह फैसला राज्य के साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी राहत है, जो लंबे समय से अपनी सेवा स्थायी करने और राज्य कर्मचारी का दर्जा पाने की मांग कर रहे हैं।
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दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने बिहार शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए नियम 4 के उस प्रावधान को खत्म कर दिया है, जिसके तहत दक्षता परीक्षा में फेल होने वाले शिक्षकों को निकाला जा सकता था। पटना हाई कोर्ट ने कहा कि शिक्षकों को हटाने का यह नियम मनमाना और गलत है। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिक्षकों को योग्यता परीक्षा में फेल होने पर भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार है।
वहीं, नियोजित शिक्षकों ने हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। शिक्षकों का कहना है कि यह फैसला उनके लिए न्याय की जीत है। नियोजित शिक्षकों ने कहा कि वे इस फैसले का काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। हालांकि, अभी तक बिहार सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि माना जा रहा है कि सरकार इस फैसले को चुनौती दे सकती है।
दरअसल, बिहार में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति के बाद राज्य के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी पास शिक्षकों की तरह राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की थी। इसके जवाब में राज्य सरकार ने फैसला लिया कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दक्षता परीक्षा पास करनी होगी। अगर वे पास नहीं हुए तो उन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है। शिक्षा विभाग के इस फैसले के विरोध में टीचर्स हाई कोर्ट गए थे।
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