India News (इंडिया न्यूज़), Bihar: देश में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर शपथ ग्रहण कर ली है। रविवार 9 जून को पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण की। जनता के अंदर की उत्साह साफ-साफ देखी जा सकती है। जिस भरोसे से लोगों ने भाजपा को सत्ते में लाने के लिए उम्मीद रखे हुई थी, वह आखिरकार सत्ते में आ ही गया। इसके साथ ही मोदी मंत्रालय में शामिल हुए सभी मंत्रियों की भी चर्चा काफी बड़ी हुई है। जानकारी के मुताबिक मोदी मंत्रालय में इस बार बिहार से 8 मंत्री शामिल हुआ है। पर इस फैसले के बाद भी सियासी माहौल में गर्मगर्मी हो रही है। मोदी मंत्रालय की स्थापना के बाद लोगों के बीच इस मुद्दे को लेकर जातीय समीकरण पर बातचीत शुरु कर दी है।
Read More: बिहार में विकास की एक और झलक, मुजफ्फरपुर में जल्द 200 बेड वार्ड का सबसे बड़ा इमरजेंसी केयर
जानकारी के मुताबिक इस बार यूपी से भी ज्यादा मंत्री बिहार से नियुक्त हए है। जैसे ही प्यार के मंत्रियों के नाम मोदी मंत्रालय में साफ हुए वैसे ही कई सवाल मोदी मंत्रालय पर उठाए गए। इतना ही नहीं जातीय समीकरण पर चर्चा तक शुरू हो गए। आपको बता दे की दो मंत्री पिछड़े वर्ग से, दो दलित से, एक ब्राह्मण, दो भूमिहार और एक यादव मंत्री को मोदी मंत्रालय में चुना गया है। इस गठन के ऊपर लोगों ने कई सवाल करके सियासी माहौल में तनाव बना दिया है। पर इन सब के होते हुए कुछ मुख्य जातियों के प्रति भी एक विशेष धारा पर चुनावी प्रभाव देखा गया है। उनकी अलग नाराजगी सामने आ रही है जिसमें उन्होंने मोदी मंत्रालय में चुने गए मंत्रियों के प्रक्रियाओं पर सवाल उठाया हैं।
Read More: Modi 3.0 Cabinet: मोदी 3.0 में बिहार के नेताओं को मिले अहम विभाग