India News Bihar (इंडिया न्यूज), Rajiv Ranjan: झारखंड के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के केंद्र शासित प्रदेश बनाने के प्रस्ताव पर जेडीयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने 27 जुलाई को एक बयान जारी करते हुए कहा कि निशिकांत दुबे का सुझाव “अव्यवहारिक और बचकाना” है। रंजन ने इसे “अज्ञानता पूर्ण और तनाव बढ़ाने वाला” बयान करार दिया और कहा कि इस तरह के बयानों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।
दरअसल, निशिकांत दुबे ने झारखंड के संथाल परगना और बिहार, बंगाल के कुछ जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। उन्होंने लोकसभा में यह भी आरोप लगाया कि झारखंड में हिंदू आबादी घट रही है और बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ रही है। दुबे ने संथाल परगना में आदिवासी आबादी के घटने और बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा आदिवासी महिलाओं से शादी करने का आरोप लगाया।
दुबे ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो हिंदू आबादी और अधिक घटेगी। उन्होंने बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद, और बिहार के अररिया, किशनगंज जैसे क्षेत्रों को भी इस केंद्र शासित प्रदेश में शामिल करने का सुझाव दिया।
राजीव रंजन ने इन बयानों को संवैधानिक प्रावधानों की धज्जियां उड़ाने वाला करार देते हुए कहा कि यह बयान केवल सुर्खियां बटोरने के लिए हैं और इन्हें खारिज करना चाहिए। उनका कहना है कि एक वरिष्ठ सांसद द्वारा इस प्रकार की अनावश्यक बातें करना चिंता का विषय है और इससे किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं निकलता है। जेडीयू की यह प्रतिक्रिया इस बात को दर्शाती है कि पार्टी ऐसे बयानों को सिरे से नकारती है और इनसे पैदा होने वाली संवैधानिक और सामाजिक चुनौतियों को गंभीरता से नहीं लेती है।