India News Bihar (इंडिया न्यूज़), Bihar Politics: इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सभी राज्यों में एनडीए के सीट बंटवारे हो रहे है। इसी कड़ी में बिहार का भी नाम शामिल है। पांच दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के 195 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी। आज फिर पीएम मोदी बिहार में हैं और बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन, अगर ऐसा हुआ तो भी बीजेपी गुरुवार को बिहार की 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार जारी कर सकती है।
जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे, तब जून से ही वह पार्टी के सीट शेयरिंग फॉर्मूले और सीटों को अंतिम रूप देने की मांग कर रहे थे। 28 जनवरी को उनकी एनडीए में वापसी के बाद से माना जा रहा था कि सीटों का बंटवारा जल्द हो जाएगा। लेकिन, जिस तरह से लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार से दूरी बना रखी है और जिस तरह से दोनों एक-दूसरे को लेकर असहज हैं, उससे यह तय था कि सीट बंटवारे में दिक्कत होगी। सीट बंटवारे के कारण बीजेपी के विधान परिषद उम्मीदवार तय नहीं हो पा रहे हैं और बिहार कैबिनेट विस्तार भी अटका हुआ है।
बेतिया में प्रधानमंत्री मोदी की सभा के बाद सीएम नीतीश कुमार दिल्ली के लिए रवाना होंगे। वहां से वह इंग्लैंड जाएंगे। इंग्लैंड में नीतीश साइंस सिटी का दौरा करेंगे और अप्रवासी भारतीयों के कुछ कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। नीतीश भी स्कॉटलैंड जा रहे हैं। इसलिए इंग्लैंड-स्कॉटलैंड दौरे से पहले वह सीटों पर फैसला लेने के लिए दिल्ली भी जा रहे हैं। मंगलवार रात भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने साफ कहा कि वह अपनी 17 सीटों पर चर्चा करने के लिए बैठे हैं। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री, लोकसभा-राज्यसभा सांसद, विधानसभा अध्यक्ष और कुछ विधायक भी मौजूद थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और सभी पर जीत हासिल की। इसलिए इस बार भी उन्हें 17 सीटों पर कोई संदेह नहीं है। बाकी 23 सीटों में से पिछली बार जनता दल यूनाइटेड ने 17 और लोक जनशक्ति पार्टी ने छह पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। एलजेपी ने सभी छह पर जीत हासिल की थी, जबकि जेडीयू को एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। इस बार एनडीए में एलजेपी के दो गुट हैं। एक टुकड़े के पदाधिकारी सांसद चिराग पासवान हैं और दूसरे के जिम्मेदार केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं। दोनों अपनी सीटों की गिनती अलग-अलग कर रहे हैं। हाजीपुर सीट को लेकर भी दोनों के बीच खींचतान चल रही है।
दोनों को मिलाकर देखें तो बीजेपी एलजेपी को कितनी सीटें देगी, यह उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर की जिद या सुविधा पर निर्भर करेगा। कुशवाहा केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, इसलिए वे अपने लिए एक सीट पाकर संतुष्ट होकर विधानसभा के लिए डील कर सकते हैं। इसी तरह अगर जीतन राम मांझी के बेटे विधान परिषद में शामिल होकर अपने लिए राज्यपाल जैसी सीट या पद का सौदा कर लें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। ऐसे में अगर जेडीयू को 16 सीटें दी गईं तो एलजेपी को उतनी ही छह सीटें मिल सकती हैं।
Also Read: