India News Bihar (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पुलों के गिरने के मामलों पर दायर याचिका पर राज्य सरकार और एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) से जवाब मांगा है। यह याचिका देश भर में पुलों की संरचनात्मक स्थिरता और सुरक्षा को लेकर चिंताओं को उठाती है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य के सभी पुलों और पुलियों की निर्माण तिथि, उन पर गुजरने वाले वाहनों का भार और संख्या की जानकारी इकट्ठा की जाए।
बिहार में इस आदेश के पालन के तहत, पुलों की मेंटेनेंस पॉलिसी जल्द ही लागू की जाएगी। यह पॉलिसी बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा तैयार की गई है, जो पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है। इसके अलावा, ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा पुलों की संरचनात्मक ऑडिट अंतिम चरण में है। इस ऑडिट के आधार पर नए पुलों बनाने, पुराने पुलों की मरम्मत करने और मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने का निर्णय लेगा।
एनएचएआई भी पुलों के बेहतर मेंटेनेंस की तैयारी में जुटा है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि संरचनात्मक ऑडिट के तहत राज्य के सभी पुलों और पुलियों के निर्माण की तिथि, उन पर गुजरने वाले वाहनों का भार और वाहनों की संख्या जैसी जानकारी जुटाई जाएगी। इस जानकारी के आधार पर तय किया जाएगा कि उनकी क्षमता बढ़ाई जाए या पुलों की मरम्मत की जाए और अगर जरूरत पड़ी तो नए पुलों का निर्माण किया जाए। बहुत पुराने और क्षतिग्रस्त पुलों को ढहा कर नए पुल बनाए जाएंगे और निर्माण मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पुलों की संरचनात्मक ऑडिट और एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि ऑडिट के निष्कर्षों के आधार पर पुलों को मजबूत किया जाए या नए पुल बनाए जाएं। इन घटनाओं ने पुलों की संरचनात्मक स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और इसके समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।