India News (इंडिया न्यूज़), Bihar: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रोमवार को दिल्ली AIIMS में दम तोड़ दिया। 72 वर्षीय सुशील कैंसर से जूझ रहे थे। लगभग रात 9:45 बजे अपनी आखिरी सांस ली। सुशील कुमार मोदी सबसे पहले 2020 में राज्यसभा सांसद बने थे। सभी मंत्री व नेता ने अपना दुख साझा करते हुऐ सुशील कुमार मोदी जी के सफर को याद किया है। एक श्रेष्ठ नेता का साथ इस कदर छूठना अत्यंत दुखदाई है। बिहार के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। हर समय हालात से लड़के साबित करने कर प्रयास किया है। उन्हें राजनीति के जड़ों का ठोस ज्ञान था। अपने छात्र जीवन से राजनीती की शुरुआत सुशील जी ने की थी। हर क्षेत्र मैं जितना मुमकिन हो सकता है उन्होंने उतना कार्य किया है। उन्होंने कई संगठनों के साथ-साथ विद्यार्थी परिषद के लिए भी काम किया है एक तरह से देखा जाए तो उनका पूरा जीवन बिहार के लिए समर्पित था।
अपना ज़िंदगी को सुशील जी ने राजनीती के नाम तब ही कर दिया था जब वे अपने छात्र जीवन में थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की थी जहां से साइंस सब्जेक्ट से उन्होंने ग्रेजुएशन किया था। पटना विश्वविद्यालय में उन्होंने अपना राजनीतिक सफर का पहला कदम उठाया था जब अपने विश्वविद्यालय में एक छात्र कार्यकर्ता बने थे।
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1990 1995 का 2000 में सुशील कुमार मोदी विधायक रह चुके है। और राज्यसभा के सांसद 2020 में पहली बार बने थे। इसके कुछ साल पहले ही उनके कार्यालय खत्म हुआ था फिर उन्हें वापस कभी मौका नहीं मिला। भाजपा में सुशील कुमार जी कहां हमेशा से बड़ा योगदान रहा है जिसके लिए उन्हें सदा याद किया जाएगा। साथ ही सुशील कुमार मोदी जीएसटी काउंसिल के प्रमुख भी रह चुके थे।
सन 1974 में सुशील कुमार मोदी जी की कहां भूमिका रही है जेपी आंदोलन में जहां उन्होंने छात्र जीवन से ही सियासत में पहला कदम रखा था। आपको बता दे की 1973 से लेकर 1977 तक सुशील जी पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ के महामंत्री भी रह चुके थे।
अपने समूचे राजनीतिक सफर के दौरान सुशील कुमार मोदी को जेल भी जाना पड़ा था। सुशील कुमार मोदी को जेपी आंदोलन के दौरान पांच बार पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया था। इमरजेंसी मेजर पुलिस क्यों नहीं हर्स्ट में लिया था तब उन्हें लगभग 19 महीनो तक जेल में रहना पड़ा था।
By- Anjali Singh
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