India News Bihar (इंडिया न्यूज़), Uniform Civil Code: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर बयान दिया, जिस पर जेडीयू ने प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में एक समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है, जो धार्मिक भेदभाव से मुक्त हो।
उन्होंने उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार इस मुद्दे पर चर्चा की है और देश के एक बड़े हिस्से का मानना है कि वर्तमान सिविल कोड भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर विभाजन करने वाले कानूनों को हटाने की आवश्यकता है और एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ना चाहिए।
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता एक संवेदनशील और जटिल मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इस पर व्यापक विमर्श की जरूरत है, जैसा कि पीएम मोदी ने भी कहा है। नीरज कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर पूर्व में लॉ कमिशन को पत्र लिखकर चर्चा की मांग की है। उनका कहना है कि भारत विविधताओं से भरा हुआ है, जिसमें विभिन्न धार्मिक परंपराएं और क्षेत्रीय भावनाएं शामिल हैं।
ऐसे में, सभी स्टेक होल्डर्स के बीच आम सहमति बनाना जरूरी है। नीरज कुमार ने जोर दिया कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे का समाधान व्यापक विमर्श और सहमति के आधार पर ही संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि जेडीयू इस बात पर ध्यान दे रहा है कि किसी भी नए कानून को लागू करने से पहले सभी संबंधित पक्षों की राय ली जाए और सबकी भावनाओं का सम्मान किया जाए।
समान नागरिक संहिता, जो विवाह, तलाक, संपत्ति के बंटवारे जैसे मुद्दों में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का प्रस्ताव करती है, हमेशा बीजेपी के एजेंडे में रहा है।