India News (इंडिया न्यूज़), Nitish Kumar: बिहार सरकार से के और बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे पटना हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की सीमा को 50% से बढ़ाकर 65% करने का निर्णय लिया गया था। इस फैसले को सहमति ना देते हुए नीतीश सरकार ने SC में पहल की है। जानकारी के मुताबीक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद एक तरह से16(4) और 15(4) का उल्लंघन है, जो आरक्षण की अधिकतम सीमा 50% तक सीमित रखता है। पटना HC ने 20 जून को यह फैसला रद्द कर दिया था।
आपको बता दे की बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह ने SC में याचिका दायर कर दी है। आगे नीतीश सरकार ने एसपीएल में कहा है कि बिहार एकमात्रा राज्य है पूरी आबादी की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक स्थिति पर रिपोर्ट को सार्वजानिक रूप से सामने रखी है। आपको बता दे की पटना हाई कोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार की सिफारिश पर आरक्षण की सीमा बढ़ाने का आदेश दिया था, जिसका उद्देश्य पिछड़े और वंचित वर्गों को अधिक अवसर प्रदान करना था। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई करेगा और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उच्चतम न्यायालय इस मुद्दे पर क्या फैसला देता है। देखा जाए तो यह मामला न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में आरक्षण नीति और सामाजिक न्याय के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मिसाल साबित हो सकता है।