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Pediatric Cancer: बच्चों के इन लक्षण को न करें इग्नोर, Pediatric Cancer के हो सकते हैं संकेत

• LAST UPDATED : February 18, 2024

India News(इंडिया न्यूज़) Pediatric Cancer: पीडियाट्रिक कैंसर ल्यूकेमिया की श्रेणी में आता है और छह महीने से 16 साल की उम्र के बच्चों में ये कैंसर ज्यादा पाया जाता है। इस कैंसर से बहुत लोग अंजान होते है और ये बच्चों में तेजी से फैसता है। ऐसे में आज हम आपको बताने वालें है कि इस कैंसर का आप कैसे पता लगा सकेंगे और समय रहते ही इसका कैसे ईलाज कर सकते है।

पीडियाट्रिक कैंसर बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि हर साल दुनिया भर में 4 लाख नए मामले सामने आते हैं। मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर, चेन्नई के वरिष्ठ हिस्टोपैथोलॉजिस्ट डॉ. आरएम लक्ष्मीकांत के मुताबिक, इस बीमारी के कारण कई बच्चे अपनी जान गंवा देते हैं।

Pediatric Cancer: बच्चों को पीडियाट्रिक कैंसर का खतरा

हालांकि इनमें से 80 प्रतिशत बाल कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन शीघ्र निदान की कमी, गलत निदान और बहुत देर से निदान के कारण ऐसी बीमारियों में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा इलाज बीच में छोड़ने और पोइजन व दोबारा होने के कारण भी मौत हो सकती है। बच्चों और किशोरों में सबसे आम कैंसर में ल्यूकेमिया (24.7%), ट्यूमर और तंत्रिका तंत्र (17.2%), गैर-हॉकिंग लिंफोमा (7.5%), हॉकिंग लिंफोमा (6.5%), नरम ऊतक सार्कोमा (5.9%) शामिल हैं।

डायग्नोसिस कैसे किया जाता है?

पीडियाट्रिक कैंसर का एक समूह है जो बच्चों और किशोरों को प्रभावित करता है। बच्चों को प्रभावित करने वाले सबसे आम कैंसर में ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर, लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा और हड्डी का कैंसर शामिल हैं। हालांकि, ऐसा क्यों होता है इसका कोई ठोस कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन जेनिटीक मुएटेशन के कारण कोशिका वृद्धि में बदलाव को इसका एक कारण माना जाता है। बचपन में होने वाले कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिनकी मदद से इनका जल्द से जल्द पता लगाया जा सकता है। वास्तविक बात यह है कि आनुवंशिक परिवर्तनों का अध्ययन किए बिना ट्यूमर का निदान अधूरा है। डॉक्टर इस प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग विभिन्न कार्य करने के लिए करते हैं जैसे-

फिश: जिसमें ट्रांसलोकेशन का पता लगाया जा सकता है।

  • आरटी पीसीआर: जिसमें फ्यूजन जीन और पॉइंट म्यूटेशन का पता लगाया जा सकता है।
  • नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग: जिसमें आनुवंशिक परिवर्तनों का अध्ययन किया जा सकता है।
  • इसके अलावा कई सीरम ट्यूमर मेकर का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें एएफपी, बीटा एचसीजी और यूरिन वीएमए शामिल हैं।
पीडियाट्रिक कैंसर के लक्षण क्या हैं?
  • वजन कम होना- अगर आपके बच्चे का वजन अचानक कम होने लगा है। वो भी बिना किसी कारण तो डॉक्टर से मिलें और इस बारे में बात करें।
  • हड्डियों में दर्द- अक्सर हड्डियों या जोड़ों में सूजन या दर्द कैंसर का संकेत हो सकता है।
  • सिरदर्द- अक्सर सुबह के समय सिरदर्द होना और इसके साथ उल्टी की समस्या होना भी कैंसर का लक्षण है। इसलिए इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
  • देखने में परेशानी होना- अगर आपके बच्चे को अचानक देखने में परेशानी होने लगे या उसकी आंखों की रोशनी कम हो गई हो तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
  • थकान- अगर बच्चा अक्सर थकान महसूस करता रहता है या उसने खेलना-कूदना कम कर दिया है तो इस बात को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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