कोरोना के बाद से बच्चों में अलग बीमारियां देखने को मिल रही है

जिसके कारण बच्चों में पढ़ने-लिखने की क्षमता कम हो गई है

आनलाइन एजुकेशन करने से बच्चों की दुनिया मोबाइल बनती जा रही है

इसेक साथ ही बच्चे मोबाइल पर रील्स और गेम खेलकर समय बीता रहे हैं

स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बीताने से बच्चे जिद्दी होते जा रहे हैं

कई बार तो उनमें बात-बात पर चिड़चिड़ापन भी देखा जाता है

हॉस्पिटल में भी कई ऐसे मामले दिख रहे हैं जिसमें पैरेंट्स अपनी परेशानी डॉक्टर के पास लेकर आ रहे हैं

ज्यादातर 5 से 13 सालों के बच्चों में ये देखा जा रहा है